ॐ गं गणपतये नम:
ॐ गं गणपतये नम:
ॐ गं गणपतये नम:
चहुँ ओर तुम्हारा गुंजन है
चहुँ ओर तुम्हारा गुंजन है
वरद-विनायक, तुम गणपति हो
ताल-सुरों के तुम अधिपति हो
जीवन तुम को अर्पण है
चहुँ ओर तुम्हारा गुंजन है
हे, राजा, तुम्हारा गुंजन है
मोरया, तुम्हारा गुंजन है
ॐ गं गणपतये नम:
ॐ गं गणपतये नम:
ॐ गं गणपतये नम:
ॐ गं गणपतये नम:
साज़ खिलें, आवाज़ सुहावे
साज़ खिलें, आवाज़ सुहावे
लय-सरिता मन को बहलावे
साज़ खिलें, आवाज़ सुहावे
लय-सरिता मन को बहलावे
गीत, नाट्य, नर्तन के भीतर
गीत, नाट्य, नर्तन के भीतर
तेरा स्पंदन है
चहुँ ओर तुम्हारा गुंजन है
हे, राजा, तुम्हारा गुंजन है
मोरया, तुम्हारा गुंजन है
रूप है मोहक, स्वयं प्रकाशी
रूप है मोहक, स्वयं प्रकाशी
नादब्रह्म ओझल अविनाशी
रूप है मोहक, स्वयं प्रकाशी
नादब्रह्म ओझल अविनाशी
कला-गुणों के तुम हो सागर
कला-गुणों के तुम हो सागर
तू ही मंथन है
चहुँ ओर तुम्हारा गुंजन है
हे, राजा, तुम्हारा गुंजन है
मोरया, तुम्हारा गुंजन है
वरदविनायक, तुम गणपति हो
ताल-सुरों के तुम अधिपति हो
जीवन तुम को अर्पण है
चहुँ ओर तुम्हारा गुंजन है
हे, राजा, तुम्हारा गुंजन है
मोरया, तुम्हारा गुंजन है