एक, डोर से बँधी कैसे दो कहानियाँ
एक, तार से जुड़ गयी कैसे ये दो ज़िंदगानियाँ
इस phone के साज़ पर मेरी आवाज़ भर
मुझपे हँसती हैं खामोशियाँ
मेरे चेहरे की दो निशानियाँ
मेरे चेहरे की दो निशानियाँ
मेरे चेहरे की दो निशानियाँ
मेरे चेहरे की दो निशानियाँ
किस की नवाज़िश हुई रूखी सी ज़िंदगी पर
हल्की सी बारिश हुई सूखी सी ज़िंदगी पर
है ख़ौफ़ के ना चुरा ले कोई कल
मेरे आसमान से ये चोरी के बादल
चुराए सो मेहेरबानियाँ
मेरे चेहरे की दो निशानियाँ
माना के नाज़ील नही होना था ये फरिश्ता
माना के हासिल ना होना था हुमको ये रिश्ता
लगे खूबसूरत मुझे अब खुदा तू
फरिश्ते से मेरे ना करना जुदा तू
मिटा दे ये बदगुमनियाँ
मेरे चेहरे की दो निशानियाँ
एक, डोर से बँधी कैसे दो कहानियाँ
एक, तार से जुड़ गयी कैसे ये दो ज़िंदगानियाँ
इस phone के साज़ पर मेरी आवाज़ भर
मुझपे हँसती हैं खामोशियाँ
मेरे चेहरे की दो निशानियाँ
मेरे चेहरे की दो निशानियाँ
मेरे चेहरे की दो निशानियाँ
अहम दो निशानियाँ