हम थे तुम थे हल्की हल्की बरसात थी
हम थे तुम थे हल्की हल्की बरसात थी
वो प्यार का हसीन पल क्या याद हैं तुम्हें
बहके बहके हम दोनो के जज़्बात थे
बहके बहके हम दोनो के जज़्बात थे
वो सोच में डूबी ग़ज़ल क्या याद हैं तुम्हें
हम थे तुम थे हल्की हल्की बरसात थी
वो प्यार का हसीन पल क्या याद हैं तुम्हें
बाहों में भर के मैं तुम्हे
खोया हुआ था प्यार में
बेचैनिया भी थी सनम
उस चैन में करार में
उस चैन में करार में
महकी महकी तन्हाई थी क्या रात थी
एक खाब में गुज़रा वो कल क्या याद हैं तुम्हें
हम थे तुम थे हल्की हल्की बरसात थी
वो प्यार का हसीन पल
क्या याद हैं तुम्हें क्या याद हैं तुम्हें
मासूमियत पे मैं तेरी
कितना फिदा था जाने जा
चेहरे पे तेरे जाने मन
क्या नूर था रवा रवा
क्या नूर था रवा रवा
परबत के नीचे ठहरी हुई जो झील थी
उस झील में खिलता कमाल क्या याद हैं तुम्हें
हम थे तुम थे हल्की हल्की बरसात थी
वो प्यार का हसीन पल
क्या याद हैं तुम्हें क्या याद हैं तुम्हें
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ आ