कैसे मैं कहूँ तुम क्या हो
तुम वो हसीन नगमा हो
जब भी जिसे गुनगुनाऊ
नया सा लगे जो ऊ ऊ
कैसे मैं कहूँ तुम क्या हो
तुम वो हसीन नगमा हो
जब भी जिसे गुनगुनाऊ
नया सा लगे जो ऊ ऊ
बस मैं हूँ और बस तू हैं
हरसू अब तू ही तू हैं
लम्हों में तेरी खुशबु हैं
ख्वाइश का आगाज़ तुम हो
अंजाम तुम हो
खाबों का दरियां हूँ
मुझसे जो कहता हो
कतरों में ही साहिल हैं ओ ओ
डुबों तो जरा ऊ ऊ
कल तो हैं एक सपना
बस यही पल हैं अपना
इस पल के दिल पे अपने ओ
साँसों के निशा ओ ओ
वोऊ वोऊ ओ ओ
जु जु येह