याद है अपना पहला मिलन
सृष्टि का वो पहला सावन
तू युगों की प्यासी धरती थी
तुझे प्रेम के बादल घेरे थे
तेरे तपते हुये तन पे जो झरे
वो मेघदूत सब मेरे थे
ओ कामिनी ओ कामिनी
तेरे तन मंदिर में मेरा मन खोया
जागा सपना सोया-सोया
बड़े लुटेरे नैना तोरे
सुधबुध मैं तो भूल गयो रे
एक लचक में सौ हिलकोरे
जोगन भाग जगा दे मोरे
ओ कामिनी ओ कामिनी ओ कामिनी
दे दे ना दे दे ना
आ
काया तेरी माया दर्पण
ये इन्द्रधनुष तुझको अर्पण
आ ओढ़ लूँ तुझको ओ बैरंग
जैसे धरती ओढ़े नील गगन
हम मिलेंगे ये तब से तय था
जब चमक नहीं थी तारों में
ना सोच ये नीति क्या कहती है
आ बह जा मेरी धारों में
ओ कामिनी ओ कामिनी ओ कामिनी
ओ कामिनी ओ कामिनी ओ कामिनी