चौदहवीं का चाँद हो या अफताब हो
जो भी हो तुम खुदा की कसम लाजवाब हो
चौदहवीं का चाँद हो या अफताब हो
जो भी हो तुम खुदा की कसम लाजवाब हो चौदहवीं का चाँद हो
जुल्फ़ें हैं जैसे कांधों पे बादल झुके हुए
आँखें हैं जैसे मय के प्याले भरे हुए
मस्ती हैं जिसमे प्यार की तुम वो शराब हो
चौदहवीं का चाँद हो या अफताब हो
जो भी हो तुम खुदा की कसम लाजवाब हो
चौदहवीं का चाँद हो