हे साजनिया, हो साजनिया, तेरे बिन जीया क्या जीया
हे साजनिया, हो साजनिया, तेरे बिन जीया क्या जीया
मंदिर दीप से जलना जाऊं क्या मैं करूँ पिया (आ)
तन्हाई हैं रुसवाई हैं आलम ये क्या किया
मंदिर दीप से जलना जाऊं क्या मैं करूँ पिया (आ)
तन्हाई हैं रुसवाई हैं आलम ये क्या किया
रेशमी यादों से सुरमई ख्वाबों से मैंने छलनी जिगर सिया
हे साजनिया, तेरे बिन जीया क्या जीया
हा हा आ आ आ आ आ आ आ
हो पहर पहर और साँझ सवरे मेरी राहें तकती थी
चाहत के रंगों में डुबोकर मेरा हर ख़त रखती थी
ओ ओ साजनिया, ओ साजनिया
पलकों की चादर पे मेरे नाम के सपने बुनती थी
अपने सीने में तू मेरे हृदय की आहट सुनती थी
ओ साजनिया, मंजर वो कहाँ खो गया (कहाँ खो गया)
बंजर हो गयी साँसे मेरी धुंधली सी हर अभिलाषा
प्रेम चाह विश्वास वफ़ा की ये कैसी हैं परिभाषा
ओ ओ साजनिया, ओ साजनिया
जाने क्यों किस्मत हरजाई ऐसे मुझको लुट गयी
जाने कहाँ पे किस मौसम में साजनिया तू छुट गयी
जा हो सजानिया, हर बंधन टूट गया, टूट गया