पास आने से घबराए मन बाँवरा है
बातों से ही भर जाए मन बाँवरा है
मुसकाए तू, तो खिले सुबाह
यूँ झुकाये पलकें, उफ़्फ़ अदा
झंकाए दिल के तार
पास आने से घबराए मन बाँवरा है
झीनी फुहार ये, धीमी बयार ये
निखरी धुली है सुबाह
भीनी फ़िज़ाओं में, सहमी सी चाह है
थामे है साँस फ़िज़ा
आज कह भी दूँ, मौसम है समा
सब दिल में हैं, पर चुप ज़ुबाँ
धड़कन की तेज़ रफ़्तार है हाँ
झंकाए दिल के तार
आँखों से ही छू पाए, मन बाँवरा है
मुसकाए तू, तो खिले सुबाह
यूँ झुकाये पलकें, उफ़्फ़ अदा
झंकाए दिल के तार
पास आने से घबराए मन बाँवरा है
हर पल गुज़ारूँ जो, तेरा ख़याल है
आँखों में चेहरा तेरा
तड़पन अजब नयी, क्या इख़्तियार है
जाने क्या जादू किया
ख़ुशबू है साँसों में महकी सी
इक गुदगुदी है दिल में उठी
मीठी सी कसक दिल में है जगी
झंकाए दिल के तार
छूने को दिल तरसाये, मन बाँवरा है
मुसकाए तू, तो खिले सुबाह
यूँ झुकाये पलकें, उफ़्फ़ अदा
झंकाए दिल के तार
पास आने से घबराए मन बाँवरा है
मेरी भी चाह है, धीमी गुहार है
कह भी दो सब अनकही
कैसी है ये हिचक, क्या इंतेज़ार है
कह भी दो सब अनकही
पलकें झुकीं हैं, पर दिल जुड़ा
बस आसमानों में उड़ रहा
मेरा रोम रोम है जग उठा
झंकाए दिल के तार
पास आने को ललचाए मन बाँवरा है
पास आ जाओ, तेरे लिए, मन बाँवरा है
मन बाँवरा है
मन बाँवरा है