Back to Top

Aise To Na Dekho Ki [Revival] Video (MV)






Suman Kalyanpur - Aise To Na Dekho Ki [Revival] Lyrics
Official




[ Featuring Mohammed Rafi ]

ऐसे तो ना देखो के बहक जाए कहीं हम
आख़िर को इक इंसाँ है, फ़रिश्ता तो नहीं हम

हाए, ऐसे ना कहो बात के मर जाए यहीं हम
आख़िर को इक इंसाँ है, फ़रिश्ता तो नहीं हम

अंगड़ाई सी लेती है जो खुशबू भरी ज़ुल्फ़ें
खुशबू भरी ज़ुल्फ़ें
गिरती है तेरे सुर्ख़ लबों पर तेरी ज़ुल्फ़ें
लबों पर तेरी ज़ुल्फ़ें
ज़ुल्फ़ें ना तेरी चूम लें
ज़ुल्फ़ें ना तेरी चूम लें ऐ महजबीं हम
आख़िर को इक इंसाँ है, फ़रिश्ता तो नहीं हम

सुन-सुन के तेरी बात नशा छाने लगा है
नशा छाने लगा है
खुद अपने पे भी प्यार सा कुछ आने लगा है
आने लगा है
रखना है कहीं पाँव तो
रखना है कहीं पाँव तो रखते है कहीं हम
आख़िर को इक इंसाँ है, फ़रिश्ता तो नहीं हम

भीगा सा रुख-ए-नाज, ये हलका सा पसीना
ये हलका सा पसीना

हाए

ये नाचती आँखों के भँवर दिल का सफ़िना
दिल का सफ़िना
सोचा है के अब डूब के
सोचा है के अब डूब के रह जाए यहीं हम
आख़िर को इक इंसाँ है, फ़रिश्ता तो नहीं हम

हाए, ऐसे ना कहो बात के मर जाए यहीं हम
आख़िर को इक इंसाँ है, फ़रिश्ता तो नहीं हम (आख़िर को इक इंसाँ है, फ़रिश्ता तो नहीं हम)
आहाहा आहाहा आहाहा
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म (हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म)
[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




ऐसे तो ना देखो के बहक जाए कहीं हम
आख़िर को इक इंसाँ है, फ़रिश्ता तो नहीं हम

हाए, ऐसे ना कहो बात के मर जाए यहीं हम
आख़िर को इक इंसाँ है, फ़रिश्ता तो नहीं हम

अंगड़ाई सी लेती है जो खुशबू भरी ज़ुल्फ़ें
खुशबू भरी ज़ुल्फ़ें
गिरती है तेरे सुर्ख़ लबों पर तेरी ज़ुल्फ़ें
लबों पर तेरी ज़ुल्फ़ें
ज़ुल्फ़ें ना तेरी चूम लें
ज़ुल्फ़ें ना तेरी चूम लें ऐ महजबीं हम
आख़िर को इक इंसाँ है, फ़रिश्ता तो नहीं हम

सुन-सुन के तेरी बात नशा छाने लगा है
नशा छाने लगा है
खुद अपने पे भी प्यार सा कुछ आने लगा है
आने लगा है
रखना है कहीं पाँव तो
रखना है कहीं पाँव तो रखते है कहीं हम
आख़िर को इक इंसाँ है, फ़रिश्ता तो नहीं हम

भीगा सा रुख-ए-नाज, ये हलका सा पसीना
ये हलका सा पसीना

हाए

ये नाचती आँखों के भँवर दिल का सफ़िना
दिल का सफ़िना
सोचा है के अब डूब के
सोचा है के अब डूब के रह जाए यहीं हम
आख़िर को इक इंसाँ है, फ़रिश्ता तो नहीं हम

हाए, ऐसे ना कहो बात के मर जाए यहीं हम
आख़िर को इक इंसाँ है, फ़रिश्ता तो नहीं हम (आख़िर को इक इंसाँ है, फ़रिश्ता तो नहीं हम)
आहाहा आहाहा आहाहा
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म (हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म)
[ Correct these Lyrics ]
Writer: ROSHAN, MAJROOH SULTANPURI
Copyright: Lyrics © Royalty Network


Tags:
No tags yet