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Sumit Bhardhwaj - Afreen Afreen And Mann Ki Lagan [Mashup] Lyrics



Sumit Bhardhwaj - Afreen Afreen And Mann Ki Lagan [Mashup] Lyrics
Official




आ आ आ

ऐसा देखा नहीं खूबसूरत कोई
जिस्म जैसे अजंता की मूरत कोई
जिस्म जैसे निगाहों पे जादू कोई
जिस्म नगमा कोई, जिस्म खुशबू कोई
जिस्म जैसे महकती हुई चांदनी
जिस्म जैसे मचलती हुई रागिनी
जिस्म जैसे के खिलता हुआ इक चमन
जिस्म जैसे के सूरज की पहली किरण
जिस्म तरशा हुआ दिलकशो दिलनशीं
संदली संदली, मरमरी मरमरी
हुस्ने जाना की तारीफ़ मुमकिन नहीं
हुस्ने जाना की तारीफ़ मुमकिन नहीं
तेरा तुझको सौंप दे क्या लागत है मोर
मेरा मुझसे कुछ नाही है जो होवत सो तोर
आँखें देखी तो मैं देखता रह गया
जाम दो और दोनों ही दो आतशां
आँखें या मैकदे की ये दो बाब हैं
आँखें इनको कहूँ, या कहूँ ख्वाब हैं
आँखें नीचे हुईं तो हया बन गयीं
आँखें ऊँची हुईं तो दुआ बन गयीं
आँखें उठकर झुकीं तो अदा बन गयीं
आँखें झुकाकर उठीं तो कदा बन गयीं
आँखें जिनमें है क़ैद आसमां और ज़मीं
नरगिसी नरगिसी, सुरमई सुरमई
लागी तुमसे मन की लगन
लगन लागी तुमसे मन कि लगन
लगन लागी तुमसे मन कि लगन
लगन लागी तुमसे मन कि लगन

लागी तुमसे मन कि लगन (पा धा सा रे रे सा मा गा रे सा)
लगन लागी तुमसे मन कि लगन (पा धा सा रे रे सा मा गा रे सा)
लगन लागी तुमसे मन कि लगन (पा धा सा रे रे सा मा गा रे सा मा गा रे सा)
लगन लागी तुमसे मन कि लगन (पा धा सा रे रे सा मा गा रे सा पा मा गा रे सा)
लागी तुमसे मन कि लगन (पा धा सा रे रे सा मा गा रे सा)
लगन लागी तुमसे मन कि लगन (सा रे गा मा मा धा धा पा)
सा नी ढा नी धा पा धा पा मा पा मा गा गा मा गा पा
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आ आ आ

ऐसा देखा नहीं खूबसूरत कोई
जिस्म जैसे अजंता की मूरत कोई
जिस्म जैसे निगाहों पे जादू कोई
जिस्म नगमा कोई, जिस्म खुशबू कोई
जिस्म जैसे महकती हुई चांदनी
जिस्म जैसे मचलती हुई रागिनी
जिस्म जैसे के खिलता हुआ इक चमन
जिस्म जैसे के सूरज की पहली किरण
जिस्म तरशा हुआ दिलकशो दिलनशीं
संदली संदली, मरमरी मरमरी
हुस्ने जाना की तारीफ़ मुमकिन नहीं
हुस्ने जाना की तारीफ़ मुमकिन नहीं
तेरा तुझको सौंप दे क्या लागत है मोर
मेरा मुझसे कुछ नाही है जो होवत सो तोर
आँखें देखी तो मैं देखता रह गया
जाम दो और दोनों ही दो आतशां
आँखें या मैकदे की ये दो बाब हैं
आँखें इनको कहूँ, या कहूँ ख्वाब हैं
आँखें नीचे हुईं तो हया बन गयीं
आँखें ऊँची हुईं तो दुआ बन गयीं
आँखें उठकर झुकीं तो अदा बन गयीं
आँखें झुकाकर उठीं तो कदा बन गयीं
आँखें जिनमें है क़ैद आसमां और ज़मीं
नरगिसी नरगिसी, सुरमई सुरमई
लागी तुमसे मन की लगन
लगन लागी तुमसे मन कि लगन
लगन लागी तुमसे मन कि लगन
लगन लागी तुमसे मन कि लगन

लागी तुमसे मन कि लगन (पा धा सा रे रे सा मा गा रे सा)
लगन लागी तुमसे मन कि लगन (पा धा सा रे रे सा मा गा रे सा)
लगन लागी तुमसे मन कि लगन (पा धा सा रे रे सा मा गा रे सा मा गा रे सा)
लगन लागी तुमसे मन कि लगन (पा धा सा रे रे सा मा गा रे सा पा मा गा रे सा)
लागी तुमसे मन कि लगन (पा धा सा रे रे सा मा गा रे सा)
लगन लागी तुमसे मन कि लगन (सा रे गा मा मा धा धा पा)
सा नी ढा नी धा पा धा पा मा पा मा गा गा मा गा पा
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Writer: AMJAD ISLAM AMJAD, JAVED AKHTAR, SHANTANU DUTTA, ISLAM AMJAD
Copyright: Lyrics © Royalty Network




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