Back to Top

Suranjan Mohanty - Kahan Tak Yeh Man Ko Andhere Lyrics



Suranjan Mohanty - Kahan Tak Yeh Man Ko Andhere Lyrics
Official




कहाँ तक ये मन को अंधेरे छलेंगे
उदासी भरे दिन कभीं तो ढलेंगे
कहाँ तक ये मन को अंधेरे छलेंगे
उदासी भरे दिन कभीं तो ढलेंगे

कभी सुख कभी दुख यही ज़िंदगी हैं
ये पतझड़ का मौसम घड़ी दो घड़ी हैं
ये पतझड़ का मौसम घड़ी दो घड़ी हैं
नये फूल कल फिर डगर में खिलेंगे
उदासी भरे दिन कभीं तो ढलेंगे

भले तेज कितना हवा का हो झोंका
मगर अपने मन में तू रख ये भरोसा
मगर अपने मन में तू रख ये भरोसा
जो बिछड़े सफ़र में तुझे फिर मिलेंगे
उदासी भरे दिन कभीं तो ढलेंगे

कहे कोई कुछ भी मगर सच यही है
लहर प्यार की जो कहीं उठ रही है
लहर प्यार की जो कहीं उठ रही है
उसे एक दिन तो किनारे मिलेंगे
उदासी भरे दिन कभीं तो ढलेंगे
कहाँ तक ये मन को अंधेरे छलेंगे
उदासी भरे दिन कभीं तो ढलेंगे
[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




कहाँ तक ये मन को अंधेरे छलेंगे
उदासी भरे दिन कभीं तो ढलेंगे
कहाँ तक ये मन को अंधेरे छलेंगे
उदासी भरे दिन कभीं तो ढलेंगे

कभी सुख कभी दुख यही ज़िंदगी हैं
ये पतझड़ का मौसम घड़ी दो घड़ी हैं
ये पतझड़ का मौसम घड़ी दो घड़ी हैं
नये फूल कल फिर डगर में खिलेंगे
उदासी भरे दिन कभीं तो ढलेंगे

भले तेज कितना हवा का हो झोंका
मगर अपने मन में तू रख ये भरोसा
मगर अपने मन में तू रख ये भरोसा
जो बिछड़े सफ़र में तुझे फिर मिलेंगे
उदासी भरे दिन कभीं तो ढलेंगे

कहे कोई कुछ भी मगर सच यही है
लहर प्यार की जो कहीं उठ रही है
लहर प्यार की जो कहीं उठ रही है
उसे एक दिन तो किनारे मिलेंगे
उदासी भरे दिन कभीं तो ढलेंगे
कहाँ तक ये मन को अंधेरे छलेंगे
उदासी भरे दिन कभीं तो ढलेंगे
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Yogesh, Roshan Rajesh
Copyright: Lyrics © Royalty Network




Suranjan Mohanty - Kahan Tak Yeh Man Ko Andhere Video
(Show video at the top of the page)

Tags:
No tags yet