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प्रेम जगत का सार
रे मनवा प्रेम जगत का सार
प्रेम पुजारिन राधे रानी
प्रेम पुजारिन राधे रानी कृष्ण प्रेम अवतार
रे मनवा प्रेम जगत का सार
रे मनवा प्रेम जगत का सार
प्रेम की मुरली, प्रेम की जमुना
प्रेम ही राधे, प्रेम ही कृष्णा
एक दूजे के ये अनुरागी
सब में जगायें प्रेम की तृष्णा
प्रेम में डूबे प्राण करत हैं हो
प्रेम में डूबे प्राण करत हैं हो
प्रेम की जय जयकार
रे मनवा
प्रेम जगत का सार
रे मनवा प्रेम जगत का सार