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Swagata Karmakar - Karvaten Badalte Rahe Lyrics



Swagata Karmakar - Karvaten Badalte Rahe Lyrics
Official




करवटें बदलते रहे सारी रात हम
आप की क़सम आप की क़सम
करवटें बदलते रहे सारी रात हम
आप की क़सम आप की क़सम
ग़म न करो दिन जुदाई के बहुत हैं कम
आप की क़सम आप की क़सम

याद तुम आते रहे इक हूक़ सी उठती रही
नींद मुझसे नींद से मैं भागती छुपती रही
रात भर बैरन निगोड़ी चाँदनी चुभती रही
आग सी जलती रही गिरती रही शबनम
आप की क़सम आप की क़सम
करवटें बदलते रहे सारी रात हम
आप की क़सम आप की क़सम
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करवटें बदलते रहे सारी रात हम
आप की क़सम आप की क़सम
करवटें बदलते रहे सारी रात हम
आप की क़सम आप की क़सम
ग़म न करो दिन जुदाई के बहुत हैं कम
आप की क़सम आप की क़सम

याद तुम आते रहे इक हूक़ सी उठती रही
नींद मुझसे नींद से मैं भागती छुपती रही
रात भर बैरन निगोड़ी चाँदनी चुभती रही
आग सी जलती रही गिरती रही शबनम
आप की क़सम आप की क़सम
करवटें बदलते रहे सारी रात हम
आप की क़सम आप की क़सम
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Writer: ANANDSHI BAKSHI, R D Burman
Copyright: Lyrics © Royalty Network




Swagata Karmakar - Karvaten Badalte Rahe Video
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