एक से करता नहीं क्यूं
दूसरा कुछ बातचीत
सरफ़रोशी की तमन्ना
अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना
देखना है ज़ोर कितना
बाजु ए कातिल में है
आ आ आ आ
एक से करता नहीं क्यूं
दूसरा कुछ बातचीत
एक से करता नहीं क्यूं
दूसरा कुछ बातचीत
देखता हूँ मैं जिसे वो
चुप तेरी महफ़िल में है
ऐ शहीद-ए-मुल्क-ओ-मिल्लत मैं
तेरे ऊपर निसार
तेरी हिम्मत का चर्चा आ आ
तेरी हिम्मत का चर्चा
ग़ैर की महफ़िल में है
आ आ आ आ
यूं खड़ा मत कल के खातील
केह रहा है बार बार
यूं खड़ा मत कल के खातील
केह रहा है बार बार
क्या तमन्ना ए शहादत
भी किसिके दिल में है
दिल में तूफ़ानों की टोली
और नसों ने इंकलाब
होश दुश्मन के उड़ा देंगे
होश दुश्मन के उड़ा देंगे
रोको ना आज
आ आ आ आ
आ आ आ आ
आ आ आ आ आ