Back to Top

Yahan Main Ajnabi Hoon Video (MV)






Syed Iftequar Ali - Yahan Main Ajnabi Hoon Lyrics
Official




कभी पहले देखा नहीं ये समां
ये में भूल से आगया हु कहा
यहा मै अजनबी हू, यहा मै अजनबी हू
मै जो हू बस वही हू, मै जो हू बस वही हू
यहा मै अजनबी हू, यहा मै अजनबी हू

कहा शाम-ओ-शहर यह कहा दिन-रात मेरे
बहुत रुसवा हुए हैं, यहा जज्बात मेरे
नई तहरीब है यह, नया है यह जमाना
मगर मे आदमी हू वही सदियो पुराना
मै क्या जानू यह बाते, ज़रा इंसाफ़ करना
मेरी गुस्ताखियो को खुदारा माफ़ करना
यहा मै अजनबी हू, यहा मै अजनबी हू

तेरी बाहो मे देखु सनम गैरो की बाहे
मै लाऊँगा कहा से भला ऐसी निगाहे
यह कोई रकस होगा, कोई दस्तूर होगा
मुझे दस्तूर ऐसा कहा मंजूर होगा
भला कैसे यह मेरा लहू हो जाए पानी
मै कैसे भूल जाउ मै हू हिन्दुस्तानी
यहा मै अजनबी हू, यहा मै अजनबी हू

मुझे भी है शिकायत, तुझे भी तो गिला है
यही शिकवे हमारी मोहब्बत का सिला है
कभी मगरिब से मशरिक मिला है जो मिलेगा
जहाँ का फूल है जो वही पे वो खिलेगा
तेरे उँचे महल मे नही मेरा गुजारा
मुझे याद आ रहा है वो छोटा सा शिकारा
यहा मै अजनबी हू, यहा मै अजनबी हू
मै जो हू बस वही हू, मै जो हू बस वही हू
यहा मै अजनबी हू, यहा मै अजनबी हू
[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




कभी पहले देखा नहीं ये समां
ये में भूल से आगया हु कहा
यहा मै अजनबी हू, यहा मै अजनबी हू
मै जो हू बस वही हू, मै जो हू बस वही हू
यहा मै अजनबी हू, यहा मै अजनबी हू

कहा शाम-ओ-शहर यह कहा दिन-रात मेरे
बहुत रुसवा हुए हैं, यहा जज्बात मेरे
नई तहरीब है यह, नया है यह जमाना
मगर मे आदमी हू वही सदियो पुराना
मै क्या जानू यह बाते, ज़रा इंसाफ़ करना
मेरी गुस्ताखियो को खुदारा माफ़ करना
यहा मै अजनबी हू, यहा मै अजनबी हू

तेरी बाहो मे देखु सनम गैरो की बाहे
मै लाऊँगा कहा से भला ऐसी निगाहे
यह कोई रकस होगा, कोई दस्तूर होगा
मुझे दस्तूर ऐसा कहा मंजूर होगा
भला कैसे यह मेरा लहू हो जाए पानी
मै कैसे भूल जाउ मै हू हिन्दुस्तानी
यहा मै अजनबी हू, यहा मै अजनबी हू

मुझे भी है शिकायत, तुझे भी तो गिला है
यही शिकवे हमारी मोहब्बत का सिला है
कभी मगरिब से मशरिक मिला है जो मिलेगा
जहाँ का फूल है जो वही पे वो खिलेगा
तेरे उँचे महल मे नही मेरा गुजारा
मुझे याद आ रहा है वो छोटा सा शिकारा
यहा मै अजनबी हू, यहा मै अजनबी हू
मै जो हू बस वही हू, मै जो हू बस वही हू
यहा मै अजनबी हू, यहा मै अजनबी हू
[ Correct these Lyrics ]
Writer: ANANDJI KALYANJI, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH
Copyright: Lyrics © Royalty Network


Tags:
No tags yet