Back to Top

Talat Mahmood - Ham Unke Paas Aate Hain Lyrics

theme

Talat Mahmood - Ham Unke Paas Aate Hain Lyrics
Official




हम उनके पास आते हैं
वह हमसे दूर जाते हैं
तड़प कर दास्ताँ अपनी
बहारों को सुनाते हैं
बहारों को सुनाते हैं
हम उनके पास आते हैं

जबसे हमको प्यार हुआ है
जीना भी दुश्वार हुआ है
जीना भी दुश्वार हुआ है
सहारे जब ना पाते हैं
तोह फिर घबरा ही जाते हैं
तड़प कर दास्ताँ अपनी
बहारों को सुनाते हैं
बहारों को सुनाते हैं
हम उनके पास आते हैं

बिन तेरे वीरान रहा है
गुलशन का हर फूल ख़िज़ाँ है
गुलशन का हर फूल ख़िज़ाँ है
तुझे अरमां बुलाते हैं
नए तूफ़ान उठाते हैं
तड़प कर दास्ताँ अपनी
बहारों को सुनाते हैं
बहारों को सुनाते हैं
हम उनके पास आते हैं

दर्द में डूबी शाम न पूछो
आहों का अंजाम न पूछो
आहों का अंजाम न पूछो
शमा ग़म की जलाते हैं
अँधेरे बढ़ते जाते हैं
तड़प कर दास्ताँ अपनी
बहारों को सुनाते हैं
बहारों को सुनाते हैं
हम उनके पास आते हैं
[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




हम उनके पास आते हैं
वह हमसे दूर जाते हैं
तड़प कर दास्ताँ अपनी
बहारों को सुनाते हैं
बहारों को सुनाते हैं
हम उनके पास आते हैं

जबसे हमको प्यार हुआ है
जीना भी दुश्वार हुआ है
जीना भी दुश्वार हुआ है
सहारे जब ना पाते हैं
तोह फिर घबरा ही जाते हैं
तड़प कर दास्ताँ अपनी
बहारों को सुनाते हैं
बहारों को सुनाते हैं
हम उनके पास आते हैं

बिन तेरे वीरान रहा है
गुलशन का हर फूल ख़िज़ाँ है
गुलशन का हर फूल ख़िज़ाँ है
तुझे अरमां बुलाते हैं
नए तूफ़ान उठाते हैं
तड़प कर दास्ताँ अपनी
बहारों को सुनाते हैं
बहारों को सुनाते हैं
हम उनके पास आते हैं

दर्द में डूबी शाम न पूछो
आहों का अंजाम न पूछो
आहों का अंजाम न पूछो
शमा ग़म की जलाते हैं
अँधेरे बढ़ते जाते हैं
तड़प कर दास्ताँ अपनी
बहारों को सुनाते हैं
बहारों को सुनाते हैं
हम उनके पास आते हैं
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan
Copyright: Lyrics © Royalty Network
LyricFind




Talat Mahmood - Ham Unke Paas Aate Hain Video
(Here for Video at the top of page)

Tags:
No tags yet