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Talat Mahmood - Kahin Ishq Ka Taqaza Lyrics

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Talat Mahmood - Kahin Ishq Ka Taqaza Lyrics
Official




कही इस्क़ का तक़ाज़ा
कही हुस्न के इशारे
कही हुस्न के इशारे
ना बचा सकेंगे दामन
गम ए ज़िंदगी के मारे
गम ए ज़िंदगी के मारे
कही इस्क़ का तक़ाज़ा
सब ए गम की तिरगी मे
मेरी आह के शरारें
सब ए गम की तिरगी मे
मेरी आह के शरारें
मेरी आह के शरारें
कभी बन गये आँसू
कभी बन गये तारे
कभी बन गये तारे
कही इस्क़ का तक़ाज़ा
जिन्हे हो सका ना हाँसिल
जिन्हे हो सका ना हाँसिल
कभी कैसे पूर्वे मंज़िल
कभी कैसे पूर्वे मंज़िल
कभी कैसे पूर्वे मंज़िल
वही तो कदम हैं मुझको
तेरी जूस्तजू से प्यारे
तेरी जूस्तजू से प्यारे
कही इस्क़ का तक़ाज़ा
मैं सकील उनका होकर भी
ना पा सका हूँ उनको
मैं सकील उनका होकर भी
ना पा सका हूँ उनको
मैं ना पा सका हू उनको
मेरी डरहा ज़िंदगी मे
कोई जीतकर ना हारे
कोई जीतकर ना हारे
कही इस्क़ का तक़ाज़ा
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कही इस्क़ का तक़ाज़ा
कही हुस्न के इशारे
कही हुस्न के इशारे
ना बचा सकेंगे दामन
गम ए ज़िंदगी के मारे
गम ए ज़िंदगी के मारे
कही इस्क़ का तक़ाज़ा
सब ए गम की तिरगी मे
मेरी आह के शरारें
सब ए गम की तिरगी मे
मेरी आह के शरारें
मेरी आह के शरारें
कभी बन गये आँसू
कभी बन गये तारे
कभी बन गये तारे
कही इस्क़ का तक़ाज़ा
जिन्हे हो सका ना हाँसिल
जिन्हे हो सका ना हाँसिल
कभी कैसे पूर्वे मंज़िल
कभी कैसे पूर्वे मंज़िल
कभी कैसे पूर्वे मंज़िल
वही तो कदम हैं मुझको
तेरी जूस्तजू से प्यारे
तेरी जूस्तजू से प्यारे
कही इस्क़ का तक़ाज़ा
मैं सकील उनका होकर भी
ना पा सका हूँ उनको
मैं सकील उनका होकर भी
ना पा सका हूँ उनको
मैं ना पा सका हू उनको
मेरी डरहा ज़िंदगी मे
कोई जीतकर ना हारे
कोई जीतकर ना हारे
कही इस्क़ का तक़ाज़ा
[ Correct these Lyrics ]
Writer: SHAKEEL BADAYUNI
Copyright: Lyrics © Royalty Network
LyricFind




Talat Mahmood - Kahin Ishq Ka Taqaza Video
(Here for Video at the top of page)


Performed By: Talat Mahmood
Length: 3:33
Written by: SHAKEEL BADAYUNI

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