किसी सुरत लगी दिल की बहल जाए तो अच्छा हो
तमन्ना एक नए सांचे में ढल जाए तो अच्छा हो
मेरे दिल की नज़र को ठोकरें खाना नहीं आता
अँधेरे बढ़ रहे हैं शम्मा जल जाए तो अच्छा हो
किसी सूरत लगी दिल की बहल जाए तो अच्छा हो
कहाँ तक हैं किनारे होश के हम भी ज़रा देखें
हम भी ज़रा देखें
समुन्दर आरज़ूओ का मचल जाये तो अच्छा हो
तमन्ना एक नए सांचे में ढल जाए तो अच्छा हो
ये इस मिटटी के बूत को धड़कनें दे दे मोहब्बत की
मेरी दुनिया नयी करवट बदल जाए तो अच्छा हो
किसी सूरत लगी दिल की बहल जाए तो अच्छा हो