Back to Top

Talat Mahmood - Main Tujhko Agar Ek Phool Kahoon Lyrics

theme

Talat Mahmood - Main Tujhko Agar Ek Phool Kahoon Lyrics
Official




मैं तुझ को अगर इक फूल कहूँ
तेरे रुतबे की तौहीन है ये
तेरा हुस्न हमेशा क़ायम है
दम भर के लिये रंगीन है ये
मैं तुझ को अगर इक फूल कहूँ

ये आँख अगर उठ जाये
तो हर एक सितारा सजदा करे
आ जाये कहीं होंठों पे हँसी
बिजली भी तड़प कर आह भरे
बिजली भी तड़प कर आह भरे
मैं तुझ को अगर इक फूल कहूँ
मैं तुझ को अगर इक फूल कहूँ
तेरे रुतबे की तौहीन है ये

ये ज़ुल्फ़ अगर खुल जाये तो
रातों की जवानी शरमाये
रफ़्तार का आलम क्या कहिये
रफ़्तार का आलम क्या कहिये
बहता हुआ दरिया थम जाये
मैं तुझ को अगर इक फूल कहूँ
मैं तुझ को अगर इक फूल कहूँ
तेरे रुतबे की तौहीन है ये

दिन रात महकते रहने की
कलियों ने अदा तुझ से पाई
ये चाँद जो घटता बढ़ाता है
दरस्ल है तेरी अंगड़ाई
दरस्ल है तेरी अंगड़ाई
मैं तुझ को अगर इक फूल कहूँ
तेरे रुतबे की तौहीन है ये
[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




मैं तुझ को अगर इक फूल कहूँ
तेरे रुतबे की तौहीन है ये
तेरा हुस्न हमेशा क़ायम है
दम भर के लिये रंगीन है ये
मैं तुझ को अगर इक फूल कहूँ

ये आँख अगर उठ जाये
तो हर एक सितारा सजदा करे
आ जाये कहीं होंठों पे हँसी
बिजली भी तड़प कर आह भरे
बिजली भी तड़प कर आह भरे
मैं तुझ को अगर इक फूल कहूँ
मैं तुझ को अगर इक फूल कहूँ
तेरे रुतबे की तौहीन है ये

ये ज़ुल्फ़ अगर खुल जाये तो
रातों की जवानी शरमाये
रफ़्तार का आलम क्या कहिये
रफ़्तार का आलम क्या कहिये
बहता हुआ दरिया थम जाये
मैं तुझ को अगर इक फूल कहूँ
मैं तुझ को अगर इक फूल कहूँ
तेरे रुतबे की तौहीन है ये

दिन रात महकते रहने की
कलियों ने अदा तुझ से पाई
ये चाँद जो घटता बढ़ाता है
दरस्ल है तेरी अंगड़ाई
दरस्ल है तेरी अंगड़ाई
मैं तुझ को अगर इक फूल कहूँ
तेरे रुतबे की तौहीन है ये
[ Correct these Lyrics ]
Writer: BIPIN-BABUL, ANJUM JAIPURI
Copyright: Lyrics © Royalty Network
LyricFind




Talat Mahmood - Main Tujhko Agar Ek Phool Kahoon Video
(Here for Video at the top of page)

Tags:
No tags yet