हा आ, शब-ए-फ़िराक़ है और नींद आई जाती है ए ए ए
कुछ इस में उन की तवज्जो भी पाई जाती है ए ए
शब-ए-फ़िराक़ है
हमीं पे इश्क़ की ई ई ई, तोहमत लगाई जाती है ए ए ए ए
मगर ये शर्म जो चेहरे पे छाई जाती है
मगर ये शर्म जो चेहरे पे छाई जा
वो मैकदा है ए ए ए ए, तेरी अंजुमन खुदा रखे
आ आ आ आ, वो मैकदा है तेरी अंजुमन खुदा रखे
जहाँ खयाल से पहले पिलाई जाती है, जहाँ खयाल
करीब मंजिले आखिर है अलफिराक ज़िगर, अ अ अ
करीब मंजिले आखिर है अलफिराक ज़िगर
सफ़र तमाम हुआ, नींद आ ही जाती है
सफ़र तमाम हुआ, नींद आ ही जाती है, ए ए
शब-ए-फ़िराक़ है