आ आ आ आ आ
मोरा सैयां मोसे बोले ना
सावन बीतो जाये पिहरवा
सावन बीतो जाये पिहरवा
मन मेरा घबराये
मन मेरा घबराये
ऐसो गए परदेस पिया तुम
ऐसो गए परदेस पिया तुम
चैन हमें नहीं आये
चैन हमें नहीं आये
मोरा सैयां मोसे बोले ना
मोरा सैयां मोसे बोले ना
मैं लाख जतन कर हारी
मैं लाख जतन कर हारी रही
मोरा सैयां मोसे बोले ना
मोरा सैयां मोसे बोले ना
हो मेरे मन ये बता दे तू, किस ओर चला है तू
क्या पाया नहीं तूने, क्या ढ़ूँढ रहा है तू
जो है अनकही, जो है अनसुनी, वो बात क्या है बता
मितवा, कहे धडकने तुझसे क्या
मितवा, ये खुद से तो ना तू छूपा
हो जीवन डगर में
प्रेमनगर में
आया नज़र में जब से कोई है
तू सोचता है, तू पूछता है
जिस की कमी थी क्या ये वो ही है
हाँ ये वो ही है, हाँ ये वो ही है
तू इक प्यासा और ये नदी है
काहे नहीं इस को तू खुल के बताए
जो है अनकही, जो है अनसुनी, वो बात क्या है बता
मितवा, कहे धडकने तुझसे क्या
मितवा, ये खुद से तो ना तू छूपा
आ आ आ आ आ