सुनो सुनो सुनो ये क्या कहता है मौसम
लहरों पर ये हवा की सरगम
यही कि मौसम हुआ जवा है
आया मिलान का मधुर समा है सुनो सुनो
क्यों इन अंजानी राहों पर
भटके राही आन मिले हैं
क्यों सावन ने ली अंगड़ाई
क्यों जीवन में फूल खिले है
सुनो सुनो सुनो ये बादल क्यों झुक आया
क्यों धरती का मुख सरमाया
क्यूंकि ये मौसम हुआ जवा है
आया मिलान का मधुर समा है सुनो सुनो
आँखों की झोली में भर लो
मैं बरखा के निर्मल मोती
और सजा दू उन लहरों को
जिनकी मेरे नयन में ज्योति
सुनो सुनो सुनो ये मन की मनमानी क्यों
आज हुयी मैं दिवानि क्यों
क्यूंकि ये मौसम हुआ जवा है
आया मिलान का मधुर समा है सुनो सुनो