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Usha Mangeshkar - Mehfil Men Aakar Saqi Banoon Lyrics

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Usha Mangeshkar - Mehfil Men Aakar Saqi Banoon Lyrics
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आँखो मे जलते अँगारे
सिने मे पत्थर का दिल है
हम है चोर लुटेरे डाकू
ये महफ़िल अपनी महफ़िल है

हे महफ़िल मे आकर साक़ी बनू या महबूबा
तौबा यहा तो हर कोई नशे मे है डूबा
महफ़िल मे आकर साक़ी बनू या महबूबा
तौबा यहा तो हर कोई नशे मे है डूबा
मारा किसी को लूटा किसी का
जिसने भी माल खजाना है
दुनिया से एक दिन जाना है उसको
सब कुछ यही रह जाना है
महफ़िल मे आकर साक़ी बनू या महबूबा
तौबा यहा तो हर कोई नशे मे है डूबा
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आँखो मे जलते अँगारे
सिने मे पत्थर का दिल है
हम है चोर लुटेरे डाकू
ये महफ़िल अपनी महफ़िल है

हे महफ़िल मे आकर साक़ी बनू या महबूबा
तौबा यहा तो हर कोई नशे मे है डूबा
महफ़िल मे आकर साक़ी बनू या महबूबा
तौबा यहा तो हर कोई नशे मे है डूबा
मारा किसी को लूटा किसी का
जिसने भी माल खजाना है
दुनिया से एक दिन जाना है उसको
सब कुछ यही रह जाना है
महफ़िल मे आकर साक़ी बनू या महबूबा
तौबा यहा तो हर कोई नशे मे है डूबा
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Writer: Bappi Lahiri, Pant Ramesh
Copyright: Lyrics © Royalty Network
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