पलको पे ओस सा तेरा नाम सजा के
रखता हु तुझे यार मै ख्वाब बना के
पलको पे ओस सा तेरा नाम सजा के
रखता हु तुझे यार मै ख्वाब बना के
हर किस्से पे हर पाने पे तुझको पढता है
फिरता रेहता है पागल सा बस ये केहता है
की तुझ बिन
की तुझ बिन नई लगदा जी नही लगदा
हाये नही लगदा जी नई लगदा हाये
नही लगदा जी मेरा माहिया
की तुझ बिन नई लगदा जी नही लगदा
हाये नही लगदा जी नई लगदा हाये
नही लगदा जी मेरा माहिया
कैसी दुआये कैसी ये सदाये
दिल क्यू तुम्हारा सुनता हि नही
तुझको बुलाये तुझको हि चाहे
दिल क्यू ये मेरा रूकता हि नही
की मेरा हर लम्हा मेरा इक हिस्सा बन जाना
मेरी ख्वाहिश जो भि सारी पुरी कर जाणा
की तुझ बिन की तुझ बिन नई लगदा जी नही लगदा
हाये नही लगदा जी नई लगदा हायेनही लगदा जी मेरा माहिया
की तुझ बिन नई लगदा जी नही लगदा
हाये नही लगदा जी नई लगदा हाये
नही लगदा जी मेरा माहिया