गाये हम नाचे हम नटवर कृष्ण नचाते तुम
तेरी बाँसुरी की धुन पे गीत प्यार के गाये हम
गाये हम नाचे हम नटवर कृष्ण नचाते तुम
तेरी बाँसुरी की धुन पे गीत प्यार के गाये हम
देवताओ दानवो ने मिल समुंदर मंथन किया तो
देवताओ दानवो ने मिल समुंदर मंथन किया तो
अमृत मिला तो पीने को चले सुर आशुर दोनो ही
भाई भाई को मोहन तुमने एक दूजे से लड़ते देखा
तब तुमने एक चाल चली
नारी वेश मे सज्जित हो देवो को दानवो को
आकर्षित कर लिया सबको
चकित किया तुमने सबको
और तुमने अमृत बाँटा देवताओ को
और मुस्कानो से मोहित कर दिया उन दानवो को
गाये हम नाचे हम नटवर कृष्ण नचाते तुम
तेरी बाँसुरी की धुन पे गीत प्यार के गाये हम
इंद्र की पदवी हमें मिली तो घट हुए राजा बलि
उसका गर्व मर्दन करने को वामन बने हरी
बलि से हरी ने दान तीन पग धरती माँगी रहने को
शुक्र बने अवरोध दान संकल्प मे कभी बलि ने फोड़ी
एक तिनके से आँख आचार्य की
हाँ
हाँ
इतने हुए विशाल वामन छूने लगे अंबर को
फिर
भू लोक लिया पहले पग से नापा गगन दूजे डग से
बलि को तीसरे चरण से भेजा पाताल मे स्वर्ग से
गाये हम नाचे हम नटवर कृष्ण नचाते तुम
तेरी बाँसुरी की धुन पे गीत प्यार के गाये हम
तेरी बाँसुरी की धुन पे गीत प्यार के गाये हम
गीत प्यार के गाये हम
गीत प्यार के गाये हम
गीत प्यार के गाये हम