Back to Top

Swagat Ho Video (MV)




Performed By: Vani Jairam
Length: 3:28
Written by: B D Misra, S N tripathi




Vani Jairam - Swagat Ho Lyrics
Official




स्वागत हो स्वागत हो होय
स्वागत हो स्वागत हो
गुरु देव का स्वागत हो
महावीर गुरु का स्वागत हो
भाइयो आनंदित हो जाओ
आहा ये शुभ मुहूर्त आया हो

होय जागे भाग्य है सब ही के
सबके मन का फूल खिला
जागे भाग्य है सब ही के
सबके मन का फूल खिला

आचार्य गुरु देवता महाराजाओ के पूज्य हैं

आचार्य गुरु देवता महाराजाओ के पूज्य हैं

पाताल से गंगा लाके पाँव गुरु के धोए आज

पाताल से गंगा लाके पाँव गुरु के धोए आज

बाजे डफली, झांझ बाजे
बाजे डफली, झांझ बाजे
गगन भेदे शंखनाद मे
मन का अंधकार मिटाओ
फूल हार पहना लो आज
फूल हार पहना लो आज

स्वागत हो स्वागत हो
गुरु देव का स्वागत हो होय

लक्ष भेद गुरु का उत्तम जो नेत्र हो शंकर शिव का

लक्ष भेद गुरु का उत्तम जो नेत्र हो शंकर शिव का

म्नुष्य रूपी भगवान हैं विधया का भंडार भरा
इन जैसा हो, कोई नही वो
गुरुदेव को हाथ जोड़ आरती उतारे बारंबार

आरती उतारे बारंबार
आ हा हा हा आ हा हा हा आ हा हा हा
पूजा कर ले गुरु हैं ये महान

पूजा कर ले गुरु हैं ये महान

स्वागत हो स्वागत हो
गुरु देव का स्वागत हो
महावीर गुरु का स्वागत हो
भाइयो आनंदित हो जाओ
आहा ये शुभ मुहूर्त आया हो

होय जागे भाग्य है सब ही के
सबके मान का फूल खिला
जागे भाग्य है सब ही के
सबके मान का फूल खिला
[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




स्वागत हो स्वागत हो होय
स्वागत हो स्वागत हो
गुरु देव का स्वागत हो
महावीर गुरु का स्वागत हो
भाइयो आनंदित हो जाओ
आहा ये शुभ मुहूर्त आया हो

होय जागे भाग्य है सब ही के
सबके मन का फूल खिला
जागे भाग्य है सब ही के
सबके मन का फूल खिला

आचार्य गुरु देवता महाराजाओ के पूज्य हैं

आचार्य गुरु देवता महाराजाओ के पूज्य हैं

पाताल से गंगा लाके पाँव गुरु के धोए आज

पाताल से गंगा लाके पाँव गुरु के धोए आज

बाजे डफली, झांझ बाजे
बाजे डफली, झांझ बाजे
गगन भेदे शंखनाद मे
मन का अंधकार मिटाओ
फूल हार पहना लो आज
फूल हार पहना लो आज

स्वागत हो स्वागत हो
गुरु देव का स्वागत हो होय

लक्ष भेद गुरु का उत्तम जो नेत्र हो शंकर शिव का

लक्ष भेद गुरु का उत्तम जो नेत्र हो शंकर शिव का

म्नुष्य रूपी भगवान हैं विधया का भंडार भरा
इन जैसा हो, कोई नही वो
गुरुदेव को हाथ जोड़ आरती उतारे बारंबार

आरती उतारे बारंबार
आ हा हा हा आ हा हा हा आ हा हा हा
पूजा कर ले गुरु हैं ये महान

पूजा कर ले गुरु हैं ये महान

स्वागत हो स्वागत हो
गुरु देव का स्वागत हो
महावीर गुरु का स्वागत हो
भाइयो आनंदित हो जाओ
आहा ये शुभ मुहूर्त आया हो

होय जागे भाग्य है सब ही के
सबके मान का फूल खिला
जागे भाग्य है सब ही के
सबके मान का फूल खिला
[ Correct these Lyrics ]
Writer: B D Misra, S N tripathi
Copyright: Lyrics © Royalty Network

Back to: Vani Jairam

Tags:
No tags yet