हक़ीक़त
इस दिल की इतनी हक़ीक़त है
के इस पे तुम्हारी हुकूमत है
जीने के लिए साँसों की तरह
इस दिल को तुम्हारी जरुरत है
इस दिल की इतनी
राज तेरा है ख़्वाबों पे
धड़कन भी ग़ुलाम तेरी
यादों पे तेरा पहरा है
और कहीं आराम नहीं
कैसे बताऊँ कितनी हसीं हो
इतनी हसीं जुबां हि नहीं
इस दिल में इतनी मुहब्बत है
के हर पल तेरी हि चाहत है
दुनिया से बढ़ के पास मेरे
इस दिल में तुम्हारी हिफाजत है
याद करे क्या दिल नादाँ
राह तके क्या फिर वीराँ
राहे वफ़ा ही मंजिल है
और कोई मुकाम नहीं
आँखों में तेरी दुनिया है
दूजा कहीं जहां हि नहीं
कैसे सुनाऊँ लफ़्ज़े मुहब्बत
सुन के भी जो सुना हि नहीं
इस दिल में इतनी हसरत है
के हर सू तेरी हि मूरत है
रब से भी ज्यादा यार मेरे
इस दिल में तुम्हारी इबादत है
इस दिल की इतनी