तड़पाएँ मुझे तेरी सभी बातें
एक बार ऐ दीवाने झूठा ही सही, प्यार तो कर
मैं भूला नहीं हसीं मुलाकातें
बैचेन कर के मुझको
मुझसे यूँ ना फेर नज़र
सर्दी की रातों में
हम सोये रहें एक चादर में
हम दोनों तन्हाँ हो
ना कोई भी रहे इस घर में
ज़रा ज़रा महकता है बहकता है
आज तो मेरा तन बदन
मैं प्यासा हूँ
मुझे भर ले अपनी बाहों में
ज़रा ज़रा बहकता है, महकता है
आज भी मेरा तन बदन
मैं प्यासा हूँ
मुझे भर ले अपनी बाहों में
है तेरी कसम, तुझको सनम
दूर कहीं ना जा
ये दूरी कहता है
पास मेरे आजा रे