अहम हम हाहा अहम हम्म
तेरे मेरे दरमियाँ है
बूँदों का कारवाँ है
धड़कनें हैं रवाँ दवा
करीब आ मेहरबान
बेसब्र जो अब हुआ
खामोशियों को छूने लगा
हर कतरा तेरे जिस्म पर
दुआओं में अल्फ़ाज़ सा
निगाह तुझ पर खामोश कर
लबों से तुझे पीने लगा
निगाह तुझ पर खामोश कर
लबों से तुझे पीने लगा
अहम हम हाहा अहम हम्
सुलझा दे मुझको तू
उलझा के अपनी बाहों में
समझा दे मुझको तू
बसी मैं तेरी आहों में
अहम अहम
सुलझा दे मुझको तू
उलझा के अपनी बाहों में
समझा दे मुझको तू
बसी मैं तेरी आहों में
तू ही मेरा घर ओह हमसफ़र
मुझमें रहे तू सारी उमर
कामिल हुआ मैं पा कर तुझे
इश्कानी बारिश मुझपे तू कर
निगाह तुझ पर खामोश कर
लबों से तुझे पीने लगा
निगाह तुझ पर खामोश कर
लबों से तुझे पीने लगा
हाहा अहम हम्म