सो गया सारा ज़माना
नींद क्यों आती नहीं
सो गया सारा ज़माना
नींद क्यों आती नहीं
ए हवा जाकर उसे
तू पास क्यों बुलाती नहीं
सो गया सारा ज़माना
नींद क्यों आती नहीं
सो गया
चाँद पहले भी निकलता था मगर ऐसा न था
चाँद पहले भी निकलता था मगर ऐसा न था
आज ऐसी बात क्यों है
कुछ समझ आती नहीं
सो गया सारा जमाना
नींद क्यों आती नहीं
सो गया
चाँदनी कुछ चाँद से कहके जमीं पर आ गयी
चाँदनी कुछ चाँद से कहके जमीं पर आ गयी
जाने क्या देखा यहाँ
अब लौट कर जाती नहीं
सो गया सारा ज़माना
नींद क्यों आती नहीं
ए हवा जाकर उसे
तू पास क्यों बुलाती नहीं
सो गया सारा ज़माना
नींद क्यों आती नहीं
सो गया