जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए
जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए
शायर तुम को पल भर सोचे और ग़ज़ल हो जाए
और ग़ज़ल हो जाए
जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए
जिस दीपक को हाथ लगा दो जले हज़ारो साल
जिस दीपक को हाथ लगा दो जले हज़ारो साल
जले हज़ारो साल
जिस कुटिया मे रात बिता दो ताजमहल हो जाए
जिस कुटिया मे रात बिता दो ताजमहल हो जाए
शायर तुम को पल भर सोचे और ग़ज़ल हो जाए
जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए
कितनी यादें आ जाती हैं दस्तक दिए बगैर
कितनी यादें आ जाती हैं दस्तक दिए बगैर
दस्तक दिए बगैर
अब इतना भी सूनापन क्या घर जंगल हो जाए
अब इतना भी सूनापन क्या घर जंगल हो जाए
शायर तुम को पल भर सोचे और ग़ज़ल हो जाए
जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए
तू आए तो पंख लगाकर उड जाती है शाम
तू आए तो पंख लगाकर उड जाती है शाम
उड जाती है शाम
मीलों लंबी रात सिमटकर पल दो पल हो जाए
मीलों लंबी रात सिमटकर पल दो पल हो जाए
शायर तुम को पल भर सोचे और ग़ज़ल हो जाए
जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए
जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए