Back to Top

Zulf Ghata Video (MV)




Performed By: Pankaj Udhas
Length: 5:08
Written by: ALI GHANI, QAISAR UL JAFRI




Pankaj Udhas - Zulf Ghata Lyrics
Official




जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए
जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए
शायर तुम को पल भर सोचे और ग़ज़ल हो जाए
और ग़ज़ल हो जाए
जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए

जिस दीपक को हाथ लगा दो जले हज़ारो साल
जिस दीपक को हाथ लगा दो जले हज़ारो साल
जले हज़ारो साल
जिस कुटिया मे रात बिता दो ताजमहल हो जाए
जिस कुटिया मे रात बिता दो ताजमहल हो जाए
शायर तुम को पल भर सोचे और ग़ज़ल हो जाए
जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए

कितनी यादें आ जाती हैं दस्तक दिए बगैर
कितनी यादें आ जाती हैं दस्तक दिए बगैर
दस्तक दिए बगैर
अब इतना भी सूनापन क्या घर जंगल हो जाए
अब इतना भी सूनापन क्या घर जंगल हो जाए
शायर तुम को पल भर सोचे और ग़ज़ल हो जाए
जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए

तू आए तो पंख लगाकर उड जाती है शाम
तू आए तो पंख लगाकर उड जाती है शाम
उड जाती है शाम
मीलों लंबी रात सिमटकर पल दो पल हो जाए
मीलों लंबी रात सिमटकर पल दो पल हो जाए
शायर तुम को पल भर सोचे और ग़ज़ल हो जाए
जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए
जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए
[ Correct these Lyrics ]

[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए
जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए
शायर तुम को पल भर सोचे और ग़ज़ल हो जाए
और ग़ज़ल हो जाए
जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए

जिस दीपक को हाथ लगा दो जले हज़ारो साल
जिस दीपक को हाथ लगा दो जले हज़ारो साल
जले हज़ारो साल
जिस कुटिया मे रात बिता दो ताजमहल हो जाए
जिस कुटिया मे रात बिता दो ताजमहल हो जाए
शायर तुम को पल भर सोचे और ग़ज़ल हो जाए
जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए

कितनी यादें आ जाती हैं दस्तक दिए बगैर
कितनी यादें आ जाती हैं दस्तक दिए बगैर
दस्तक दिए बगैर
अब इतना भी सूनापन क्या घर जंगल हो जाए
अब इतना भी सूनापन क्या घर जंगल हो जाए
शायर तुम को पल भर सोचे और ग़ज़ल हो जाए
जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए

तू आए तो पंख लगाकर उड जाती है शाम
तू आए तो पंख लगाकर उड जाती है शाम
उड जाती है शाम
मीलों लंबी रात सिमटकर पल दो पल हो जाए
मीलों लंबी रात सिमटकर पल दो पल हो जाए
शायर तुम को पल भर सोचे और ग़ज़ल हो जाए
जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए
जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए
[ Correct these Lyrics ]
Writer: ALI GHANI, QAISAR UL JAFRI
Copyright: Lyrics © Universal Music Publishing Group

Back to: Pankaj Udhas

Tags:
No tags yet