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Vansh Vijan - Badalne Ke Intezaar Mein [Remix] Lyrics



Vansh Vijan - Badalne Ke Intezaar Mein [Remix] Lyrics
Official




[ Featuring ]

समंदर में पत्थर गुमशुम है पड़ा
सपनो की दुनिया में चुप है खड़ा
देखते ही देखते सूरज डूब रहा
अगर कुछ बदला नही तो अंधेरा सामने है खड़ा
उलझी हुई है वक़्त की परच्छाइयाँ
यह पूरा दौर है बदलने के इंतेज़ार में
बदलने के इंतेज़ार में

बझी हुई है वक़्त की परच्छाइयाँ
यह पूरा दौर है बदलने के इंतेज़ार में
बदलने के इंतेज़ार में

हर दिन सवाल उठते हैं कई
पर जवाब किसी के पास नही
क्या है गलत क्या है सही
समझा क्या कोई आँखें खोले अभी

उलझी हुई है वक़्त की परच्छाइयाँ
यह पूरा दौर है बदलने के इंतेज़ार में
बदलने के इंतेज़ार में

बझी हुई है वक़्त की परच्छाइयाँ
यह पूरा दौर है बदलने के इंतेज़ार में
बदलने के इंतेज़ार में
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समंदर में पत्थर गुमशुम है पड़ा
सपनो की दुनिया में चुप है खड़ा
देखते ही देखते सूरज डूब रहा
अगर कुछ बदला नही तो अंधेरा सामने है खड़ा
उलझी हुई है वक़्त की परच्छाइयाँ
यह पूरा दौर है बदलने के इंतेज़ार में
बदलने के इंतेज़ार में

बझी हुई है वक़्त की परच्छाइयाँ
यह पूरा दौर है बदलने के इंतेज़ार में
बदलने के इंतेज़ार में

हर दिन सवाल उठते हैं कई
पर जवाब किसी के पास नही
क्या है गलत क्या है सही
समझा क्या कोई आँखें खोले अभी

उलझी हुई है वक़्त की परच्छाइयाँ
यह पूरा दौर है बदलने के इंतेज़ार में
बदलने के इंतेज़ार में

बझी हुई है वक़्त की परच्छाइयाँ
यह पूरा दौर है बदलने के इंतेज़ार में
बदलने के इंतेज़ार में
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Samarsanam, Samar Puri
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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Vansh Vijan - Badalne Ke Intezaar Mein [Remix] Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Vansh Vijan
Featuring:
Length: 2:38
Written by: Samarsanam, Samar Puri

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