Back to Top

Badalne Ke Intezaar Mein [Remix] Video (MV)




Performed By: Vansh Vijan
Featuring:
Length: 2:38
Written by: Samarsanam, Samar Puri




Vansh Vijan - Badalne Ke Intezaar Mein [Remix] Lyrics
Official




[ Featuring ]

समंदर में पत्थर गुमशुम है पड़ा
सपनो की दुनिया में चुप है खड़ा
देखते ही देखते सूरज डूब रहा
अगर कुछ बदला नही तो अंधेरा सामने है खड़ा
उलझी हुई है वक़्त की परच्छाइयाँ
यह पूरा दौर है बदलने के इंतेज़ार में
बदलने के इंतेज़ार में

बझी हुई है वक़्त की परच्छाइयाँ
यह पूरा दौर है बदलने के इंतेज़ार में
बदलने के इंतेज़ार में

हर दिन सवाल उठते हैं कई
पर जवाब किसी के पास नही
क्या है गलत क्या है सही
समझा क्या कोई आँखें खोले अभी

उलझी हुई है वक़्त की परच्छाइयाँ
यह पूरा दौर है बदलने के इंतेज़ार में
बदलने के इंतेज़ार में

बझी हुई है वक़्त की परच्छाइयाँ
यह पूरा दौर है बदलने के इंतेज़ार में
बदलने के इंतेज़ार में
[ Correct these Lyrics ]

[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




समंदर में पत्थर गुमशुम है पड़ा
सपनो की दुनिया में चुप है खड़ा
देखते ही देखते सूरज डूब रहा
अगर कुछ बदला नही तो अंधेरा सामने है खड़ा
उलझी हुई है वक़्त की परच्छाइयाँ
यह पूरा दौर है बदलने के इंतेज़ार में
बदलने के इंतेज़ार में

बझी हुई है वक़्त की परच्छाइयाँ
यह पूरा दौर है बदलने के इंतेज़ार में
बदलने के इंतेज़ार में

हर दिन सवाल उठते हैं कई
पर जवाब किसी के पास नही
क्या है गलत क्या है सही
समझा क्या कोई आँखें खोले अभी

उलझी हुई है वक़्त की परच्छाइयाँ
यह पूरा दौर है बदलने के इंतेज़ार में
बदलने के इंतेज़ार में

बझी हुई है वक़्त की परच्छाइयाँ
यह पूरा दौर है बदलने के इंतेज़ार में
बदलने के इंतेज़ार में
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Samarsanam, Samar Puri
Copyright: Lyrics © Royalty Network

Back to: Vansh Vijan

Tags:
No tags yet